‘मोजेक वायरस’ का देसी इलाज, कृषि विशेषज्ञ के उपचार को करें फॉलो, एक सप्ताह में बढ़ेगा टमाटर का साइज
सागर. टमाटर की खेती करने वाले किसानों के लिए मोजेक वायरस एक बड़ी समस्या बन गया है. यह वायरस पौधों की पत्तियों और फलों को प्रभावित करता है, जिससे उनकी वृद्धि रुक जाती है और उत्पादन में भारी गिरावट आती है. सागर के कृषि विशेषज्ञ डॉ. आशीष त्रिपाठी का कहना है कि इस वायरस से निपटने के लिए कुछ देसी उपचार प्रभावी साबित हो सकते हैं. सही समय पर उपचार करने से टमाटर के फलों का आकार एक सप्ताह में ही बढ़ सकता है.
क्या है मोजेक वायरस के लक्षण:
पत्तियों पर पीले और हरे धब्बे दिखाई देना. पत्तियों का मुड़ना और सिकुड़ना. पौधों की वृद्धि में रुकावट. फलों का असामान्य आकार और रंग बदलना.
क्या है देसी उपचार
कृषि विशेषज्ञ डॉ. आशीष त्रिपाठीने बताया कि मोजैक वायरस से प्रभावित पौधों को बचाने के लिए कुछ देसी उपचार कारगर हो सकते हैं. उन्होंने बताया कि निम्नलिखित उपचारों का पालन करके किसान अपनी फसल को इस वायरस से बचा सकते हैं.
1.नीम का अर्क: नीम के पत्तों का अर्क बनाकर उसका छिड़काव करना एक प्रभावी उपाय है. नीम में एंटीवायरल गुण होते हैं जो मोजैक वायरस को नियंत्रित करने में मदद करते हैं. 20 लीटर पानी में 500 मिलीलीटर नीम का अर्क मिलाकर पौधों पर छिड़काव करें.
2.तुलसी का रस: तुलसी के पत्तों का रस निकालकर उसका उपयोग भी मोजैक वायरस से लड़ने में किया जा सकता है. तुलसी के पत्तों को पीसकर उसका रस निकालें और 1 लीटर पानी में 100 मिलीलीटर तुलसी का रस मिलाकर छिड़काव करें.
3.लहसुन का अर्क : लहसुन के अर्क का छिड़काव भी मोजैक वायरस को नियंत्रित करने में सहायक होता है. 1 किलो लहसुन को पीसकर 10 लीटर पानी में मिलाएं और 24 घंटे बाद इसे छानकर पौधों पर छिड़काव करें.
4.रोगग्रस्त पौधों का हटाना : यदि कोई पौधा मोजैक वायरस से गंभीर रूप से प्रभावित हो गया है, तो उसे तुरंत हटाकर नष्ट कर दें ताकि संक्रमण फैल न सके.